Saturday, 4 February 2017

वाचनीय रविवार ०५ फेब्रुवारी २०१७




रविवारी वर्तमानपत्राच्या मुख्य अंका सोबत येणाऱ्या पुरवण्या म्हणजे वाचकांसाठी एक मेजवानीच होय.आठवड्याभरात घडलेल्या महत्त्वाच्या घडामोडींचा या पुरवण्यांमधे ऊहापोह केलेला आपणांस दिसुन येतो.दिग्गज लेखक त्यांचा विविध विषयांचा असणारा व्यासंगी अभ्यास,विषयाची वेगवेगळ्या अंगाने केलेली मांडणी यांमुळे रविवारच्या पुरवण्या वाचकांसोबतच नविन लेखकांसाठी ही अभ्यासाच्या दृष्टीने महत्वाच्या असतात.नेहमीप्रमाणे या रविवारच्या पुरवणी मधील काही वाचनीय लेखांची यादी खाली देत आहे ज्यामुळे तुमचा रविवार वाचनीय होण्यास मदत होईल.

                                                           लोकसत्ता (लोकरंग )

 १ वास्तवाचे ओझे पेलण्यासाठी - आर्थिक पाहणीतील लक्षणीय काही ----दिनेश गुणे 
२ फटफटायला लागलेय  - संतोष कुलकर्णी ( उत्तर प्रदेश  निवडणूक )
३ आवशीची बोली जित्ती र्हवान्दे  - प्रवीण दशरथ बांदेकर 
४ आत्मशोधाची वाटचाल - संचिताचे कवडसे मधून विकास आमटे 
५ पद्मावती ,इतिहास आणि अस्मिता  - हेमंत प्र.  राजोपाध्याय 
६ सेल्फी - राजीव काळे 
७ सरकारने काय करावे - प्रसाद हावळे 

                                                     
                                                    महाराष्ट्र टाइम्स (संवाद )

 ८ असुरक्षितता इथली संपत नाही  - वंदना घोडेकर
९ हवी कायद्याची चाकोरी - दत्ता जाधव 
१०आघाडीने विस्कटली भाजपाची घडी - सुरेश इंगळे 
११ द्या त्यांना हाकलुन - मुग्धा कर्णिक ,ट्रम्पनीतीने संभ्रम - अभिजित शेंडे 
१२ हे वाद थांबणार नाहीत - इब्राहिम अफगाण 
१३ दिल बहलाने के लिये - श्रीरंजन आवटे 
१४ युती कुणाला फळली - नरेश कदम 
१५ मराठी साहित्यचे सीमोल्लंघन - डॉ दामोदर खडसे 
१६ प्राण्यांचे  खेळ कशासाठी ?  - डॉ सतीश पांडे 
१७ ट्रम्प यांचा मुस्लिमद्वेष  - विजय साळुंखे 
१८ युग आभासी मैत्रणीचे - अनिकेत कोनकर 

                                                         सकाळ (सप्तरंग )

 १९ भित्तीलेखनाचा  पंजाबी संदेश - शेखर गुप्ता 
२०परिवर्तनाच्या लाटेवर साथ हवी सर्वांची - वेन्कएया नायडूं 
२१ कायदा झाला पण प्रश्न अनुत्तरितच - प्रीती करमरकर 
२२  ध्रुवीकरण सुटेना - श्रीराम पवार 
२३ स्वप्नभंग की बदलाची नवी संधी ? - डॉ गणेश नटराजन 
२४पैसा फेको तमाशा देखो - फिरस्ती मधून उत्तम कांबले 
२५ नेमके चित्र मोजके शब्द - अश्विनी देशपांडे 
२६ महाराष्ट्राचं भाषिक स्वराज्य - सदानंद मोरे 
२७ टिक टिक वाजते डोक्यात  - आनंद घैसास ( विज्ञान जिज्ञासा मधून ) 

                                                                                                           
                                                      पुढारी (बहार )

२८ बजेटचा अर्थ  - डॉ विनायक गोविलकर 
२९ अलनिनो आणि पावसाची सरासरी - राजीव मुळे 
३० स्वार्म इंटेलिजन्स -प्रदीपकुमार माने 
३१ जागतिकिकरणाची उलटे चक्र - डॉ उत्तरा सहस्त्रबुद्धे 
३२ अचूक अंदाजांचे आव्हान - डॉ बुधाजीराव मुळीक